2025 में इन 5 ऑनलाइन स्कैम्स से बचें: जानिए कैसे ठगी से बचा जा सकता है

2025 में डिजिटल दुनिया जितनी सुविधाजनक हुई है, उतनी ही खतरनाक भी। जहां एक ओर इंटरनेट ने घर बैठे पैसे कमाने के मौके बढ़ाए हैं, वहीं दूसरी ओर स्कैमर्स ने भोले-भाले लोगों को ठगने के नए-नए तरीके इजाद कर लिए हैं। 

फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर हजारों लोग हर दिन ऐसे झांसे में आकर अपना कीमती पैसा और समय गंवा रहे हैं।

इस लेख में हम उन पाँच प्रमुख ऑनलाइन स्कैम्स की बात करेंगे जो 2025 में सबसे ज़्यादा सामने आए हैं, और बताएंगे कैसे आप इनसे खुद को और अपने करीबियों को सुरक्षित रख सकते हैं।

1. MLM और Ponzi स्कीम्स – “बस दो लोगों को जोड़ो और करोड़पति बनो”

MLM (मल्टीलेवल मार्केटिंग) और Ponzi स्कीम्स लंबे समय से लोगों को फंसाते आ रहे हैं, लेकिन 2025 में भी ये नए रूप में सामने आ रहे हैं। इन स्कीम्स की सबसे खतरनाक बात यह है कि इनमें अक्सर कोई अपना जान-पहचान वाला व्यक्ति आपको जोड़ता है। 

वह पूरी निष्ठा से आपको समझाता है कि कैसे सिर्फ पाँच हजार रुपये से शुरुआत करके, दो लोगों को जोड़कर आप लाखों रुपये कमा सकते हैं।  शुरू में सब कुछ असली जैसा लगता है, लेकिन असल में यह एक चेन सिस्टम होता है जिसमें ऊपर के लोगों को नीचे वालों के पैसे से भुगतान किया जाता है। 

जैसे ही नए लोग जुड़ना बंद करते हैं, पूरी चेन ध्वस्त हो जाती है और नीचे के हजारों लोग अपनी सारी जमा पूंजी गंवा बैठते हैं। 

QNet, SpeakAsia और GainBitcoin जैसी स्कीम्स में पहले ही हज़ारों लोग ठगे जा चुके हैं। याद रखें, अगर कोई योजना कहती है कि “बस लोगों को जोड़ो, पैसे अपने आप आएंगे,” तो यह लाल झंडी है।

2. फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स – “₹5,000 लगाओ, ₹50,000 पाओ”

क्रिप्टोकरेंसी, शेयर बाज़ार और फॉरेक्स ट्रेडिंग में बढ़ती रुचि का फायदा उठाकर स्कैमर्स ने फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स की बाढ़ ला दी है। ये ऐप्स देखने में बेहद प्रोफेशनल लगते हैं, जिनमें हरे चार्ट्स, मुनाफे के नकली स्क्रीनशॉट्स और “एक्सपर्ट” की सलाह होती है। 

शुरुआत में जब आप ₹1,000–2,000 लगाते हैं, तो ये नकली मुनाफा दिखाते हैं ताकि आप भरोसा कर लें। फिर जब आप ₹10,000 या ₹50,000 जैसे बड़े अमाउंट लगाते हैं, तब अचानक ऐप बंद हो जाती है या “Error” दिखने लगता है। 

इन ऐप्स का न सेबी से कोई जुड़ाव होता है, न ही कोई कानूनी मंजूरी। स्कैमर्स अक्सर Telegram या WhatsApp ग्रुप बनाकर लोगों को जोड़ते हैं, और फिर एक स्क्रिप्टेड तरीके से सब गायब हो जाते हैं। 

अगर आप सच में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो Zerodha, Upstox या Angel One जैसे सेबी-पंजीकृत प्लेटफॉर्म का उपयोग करें और कभी भी मुफ्त टिप्स या “गैरेन्टेड प्रॉफिट” के चक्कर में न आएं।

3. फेक ऑनलाइन जॉब्स – “घर बैठे टाइपिंग करो और ₹30,000 कमाओ”

बेरोज़गारी और महंगाई से जूझ रहे भारत में जब कोई कहता है कि “बस टाइपिंग करो और ₹30,000 महीना कमाओ,” तो कोई भी इस मौके को छोड़ना नहीं चाहेगा। यही स्कैमर्स का सबसे बड़ा हथियार है — लोगों की मजबूरी और उम्मीद। 

स्कैम वेबसाइट्स और WhatsApp ग्रुप्स पर फर्जी जॉब ऑफर दिए जाते हैं, जिसमें रजिस्ट्रेशन फीस या ट्रेनिंग फीस के नाम पर ₹500–₹1500 मांगे जाते हैं। 

भुगतान के बाद या तो कोई काम ही नहीं मिलता, या फिर ऐसा काम दिया जाता है जिसमें जानबूझकर गलती निकलती है ताकि फिर से पेनल्टी के नाम पर पैसा लिया जा सके। कई बार तो आप बार-बार पैसे भेजते रहते हैं लेकिन असल में कोई आय नहीं होती। 

खासतौर पर महिलाएं, छात्र और घर से काम करने की इच्छा रखने वाले लोग ऐसे स्कैम्स के आसान शिकार बनते हैं। ध्यान रखें, कोई भी असली नौकरी पहले पैसे नहीं मांगती।

4. क्रिप्टो स्कैम्स – “Bitcoin भेजिए, 30 दिन में डबल कर देंगे”

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों में जितना उत्साह है, उतना ही भ्रम भी है। इसी भ्रम का फायदा उठाकर स्कैमर्स आपको फंसाते हैं। वे खुद को “क्रिप्टो एक्सपर्ट” बताकर कहते हैं कि उनके पास कोई खास माइनिंग प्लान है — “₹10,000 लगाइए और हर महीने ₹5,000 कमाइए।” या फिर, “हमें Bitcoin भेजिए, हम 30 दिन में डबल करके देंगे।” 

शुरुआत में आपको नकली मुनाफे के स्क्रीनशॉट्स दिखाए जाते हैं, ताकि आप और पैसा लगाएं। फिर अचानक सब कुछ गायब हो जाता है — ना ऐप रहती है, ना संपर्क। चूंकि क्रिप्टो लेनदेन अनरेगुलेटेड होते हैं, तो एक बार अगर आपने Bitcoin भेज दिया तो उसे वापस लाना नामुमकिन होता है। 

अगर आप सच में क्रिप्टो में निवेश करना चाहते हैं, तो WazirX, CoinSwitch Kuber या CoinDCX जैसे भरोसेमंद और भारतीय नियमों के अंतर्गत चलने वाले एक्सचेंज का उपयोग करें।

5. फेक सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर स्कैम – “मैंने इस ऐप से ₹1 लाख कमाए!”

आजकल सोशल मीडिया पर ऐसे इनफ्लुएंसर्स की बाढ़ आई है जो खुद को “ऑनलाइन इनकम गुरु” या “फाइनेंशियल एक्सपर्ट” बताते हैं। वे अपने वीडियो में कहते हैं — “दोस्तों, मैंने इस ऐप से ₹1 लाख कमाए हैं, आप भी डाउनलोड करें, लिंक डिस्क्रिप्शन में है।” सच्चाई यह है कि उन्हें उस ऐप का प्रमोशन करने के पैसे मिलते हैं। वे खुद उस ऐप को इस्तेमाल नहीं करते, ना ही उसमें अपना पैसा लगाते हैं। 

हजारों लोग उनके कहने पर ऐप डाउनलोड कर पैसे लगाते हैं, और कुछ हफ्तों में ऐप गायब हो जाती है। ये इनफ्लुएंसर्स अपना कमिशन कमा लेते हैं, लेकिन आम आदमी नुकसान में रह जाता है। 

इसलिए अगर कोई इनफ्लुएंसर किसी ऐप या वेबसाइट का प्रचार कर रहा है, तो पहले खुद रिसर्च करें। सिर्फ इसलिए भरोसा न करें क्योंकि वो व्यक्ति फॉलोअर्स या लाइक्स में बड़ा दिखता है।

निष्कर्ष:

ऑनलाइन पैसे कमाने के असली मौके भी होते हैं, लेकिन हर मौका असली नहीं होता। 2025 में स्कैमर्स ने टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करके ठगी को और आसान बना दिया है। इसलिए हमेशा ये तीन बातें याद रखें:
  • जो कंपनी या व्यक्ति पहले पैसे मांगे, उस पर भरोसा न करें।
  • 100% गारंटीड रिटर्न की बात हो, तो सतर्क हो जाएं।
  • इनफ्लुएंसर्स की हर बात आंख मूंदकर न मानें, खुद रिसर्च करें।
आपकी मेहनत की कमाई की रक्षा करना उतना ही ज़रूरी है, जितना उसे कमाना। यदि यह जानकारी आपको उपयोगी लगी हो, तो इसे शेयर करना न भूलें — शायद आपकी वजह से कोई स्कैम से बच सके।

अगर आप चाहते हैं कि हम ऐसे और स्कैम्स के बारे में जानकारी दें, या वैध ऑनलाइन कमाई के तरीकों पर लेख लिखें, तो कॉमेंट में बताइए — मैं आपके लिए तैयार हूँ।

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